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टीबी से डरिए नहीं, इलाज करवाइए: नई तकनीक से सिर्फ 6 महीने में संभव है इलाज

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Tiranga Agarbatti director and social worker Pandit Narendra Sharma shared his spiritual experience at the Maha Kumbh in Prayagraj, emphasizing the power of faith and culture.

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टीबी से डरिए नहीं, इलाज करवाइए: नई तकनीक से सिर्फ 6 महीने में संभव है इलाज

टीबी (तपेदिक) एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अब इससे डरने की जरूरत नहीं है। नई तकनीक और दवाओं के साथ टीबी का इलाज अब पहले से कहीं अधिक आसान और प्रभावी हो गया है। कानपुर नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि टीबी का इलाज अब सिर्फ 6 महीने में संभव है, और यह दवाएं सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।

टीबी का इलाज अब और आसान

पहले टीबी का इलाज करने में 18 से 20 महीने तक का समय लगता था और मरीजों को भारी मात्रा में दवाएं लेनी पड़ती थीं। लेकिन अब बीपाल्म रेजिमेन तकनीक के जरिए मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी (MDR-TB) का इलाज सिर्फ 6 महीने में ही संभव हो गया है। यह तकनीक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा विकसित की गई है और इसकी लागत भी कम है।

बीपाल्म रेजिमेन तकनीक क्या है?

बीपाल्म रेजिमेन तकनीक चार दवाओं का एक कॉम्बिनेशन है, जिसमें शामिल हैं:

  • बेडाक्विलाइन
  • प्रीटोमैनिड
  • लाइनजोलिड
  • मॉक्सीफ्लोक्सासिन

यह दवाएं मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के संक्रमण को कम करने में मदद करती हैं। इस दवा को सिर्फ 6 महीने तक लेने की जरूरत होती है और यह एक ओरल मेडिसिन कोर्स है। इसके साइड इफेक्ट भी बहुत कम हैं।

टीबी के लक्षण

टीबी के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लगातार 3 सप्ताह से अधिक खांसी आना
  • खांसी के साथ खून आना
  • तेज बुखार और रात में पसीना आना
  • वजन में अचानक कमी
  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • सीने में दर्द

टीबी से बचाव के उपाय

  • पूरा इलाज कराएं: डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न छोड़ें।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं: टीबी के मरीजों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • मास्क पहनें: भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
  • हेल्दी डाइट लें: इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं।
  • नियमित जांच कराएं: समय-समय पर टीबी की जांच कराते रहें।

सरकार की मदद

सरकार ने टीबी के इलाज को आसान और सस्ता बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बीपाल्म रेजिमेन तकनीक की दवाएं मरीजों को मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे मरीजों को आर्थिक बोझ भी कम होता है।

निष्कर्ष

टीबी अब एक लाइलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर इलाज शुरू करने और नई तकनीकों का उपयोग करके इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। अगर आप या आपके आसपास कोई टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज शुरू करें।


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