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विधान परिषद में गूंजा कानपुर देहात विकास का मुद्दा

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वर्षों बाद फिर जगी कानपुर देहात के विकास की उम्मीद

बृहद नगर पालिका घोषित कर अलग से विकास योजना बनाने की एमएलसी ने उठाई आवाज

डीटी एनएन।कानपुर देहात ।
कानपुर देहात जनपद जहां आपसी राजनीति में विरोधाभास होने के कारण विकास योजनाओं में पिछड़ता जा रहा है वही कानपुर देहात के एमएलसी अविनाश सिंह चौहान ने विधान परिषद में कानपुर देहात के विकास में पिछड़ने की चिंता व्यक्त करते हुए विधान परिषद में जिला के विकास के लिए माती को बृहद नगर पालिका बनाने के साथ अलग विकास प्राधिकरण व विनियोजित क्षेत्र बनाए जाने की मांग विधान परिषद में आवाज उठाकर मांग की है। विधान परिषद में कानपुर देहात विकास का मुद्दा उठने के बाद एक बार फिर से जनता के लोगों को विकास की उम्मीद जगी है।एमएलसी ने विधान परिषद में मुद्दा उठाकर माती को बृहद नगर पालिका बनाने में नगर पंचायत अकबरपुर , रनियां के साथ ही आसपास के 30 गांव तथा औद्योगिक क्षेत्र रनियां ,जैनपुर व कुंभी को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।

कानपुर जनपद का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कानपुर शहर को दो भागों में विभाजित किया गया था कानपुर नगर और कानपुर देहात के नाम से दो जिलों की स्थापना की गई। अप्रैल 1981 को कानपुर नगर से दूसरी बार अलग होकर कानपुर देहात जिला अस्तित्व में आया था। इसके बाद जिले में विकास योजनाओं को पंख देने के लिए 11 अप्रैल 1994 को माती में जिला मुख्यालय बनाने के साथ ही माती को मॉडल टाउन बनाने के लिए अकबरपुर तहसील के 109 गांव केडीए के अधीन कर विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद केडीए की अकबरपुर माती महायोजना – 2021 को वर्ष 2005 में शासन से अनुमोदन भी हुआ,लेकिन इस पर काम शुरू नहीं हो सका। इससे कानपुर देहात आज भी विकास के मायने में पिछड़ा हुआ है। केडीए के अधीन गांव में भी विकास योजनाएं गति नहीं पकड़ सकी जिससे कानपुर देहात आज भी गांवों में बस रहा है। इसको लेकर समय-समय जनप्रतिनिधियों ने आवाज बुलंद की। और कानपुर देहात विकास के लिए सचिवालय तक मुद्दे उठाए गए इसके बाद

वर्ष 2013 में तत्कालीन मंडलायुक्त ने माती में जिला प्रशासन के साथ ही केडीए व आवास विकास अफसरों की संयुक्त बैठक में विकास की एवं कार्ययोजना तैयार कराई,लेकिन इसपर भी कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही बनी रही और आज तक कानपुर देहात में कानपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा कोई विकास योजना नहीं पहुंची। अब एक बार फिर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व एमएलसी अविनाश सिंह चौहान ने विधान परिषद में नगर पंचायत अकबरपुर व रनियां के साथ औद्योगिक जैनपुर रनियां व कुंभी को शामिल करते हुए वृहद नगर पालिका, अलग विकास प्राधिकरण व विनियोजित क्षेत्र बनाए जाने की मांग उठाई। इसके बाद लोगों को एकबर फिर से माती के शहर के रूप में विकसित होने की उम्मीद जगी है।

अलग विकास प्रधिकरण के प्रताव को नहीं मिली मंजूरी

केडीए के विकास में रुचि न लेने पर 27 जनवरी 2015 को कानपुर देहात में अलग विकास प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें नगर पंचायत अकबरपुर के अलावा अकबरपुर तहसील के 156 गांवों व भोगनीपुर तहसील के मांवर गांव को शामिल किया गया था। जिले से निरंतर पत्राचार के बाद भी प्रस्ताव शासन में लंबित पड़ा है। फरवरी 2021 में बिना विकास प्राधिकरण वाले जिलों से शासन से प्रस्ताव मांगे जाने पर 2015 में भेजे गए प्रस्ताव का हवाला देकर माती विकास प्राधिकरण गठन को नया प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, लेकिन उसको भी मंजूरी नहीं मिल सकी।

वृहदनगर पालिका में शामिल हो सकते ये गांव
विधान परिषद में माती को वृहद नगर पंचायत बनाए जाने के प्रस्ताव के बाद पुराने प्रस्तावों पर भी चर्चा होने लगी है। इससे अब पुरानी प्रस्ताव के माध्यम से कानपुर देहात के गांव को नगर पालिका परिषद में जोड़ा जा सकता है।पिछले वर्ष नगर पंचायत अकबरपुर व रनियां के साथ उमरन, बिलसरायां, मुबारकपुर लाटा, चिरौरा, रायपुर कुकहट, फतेहपुर रोशनाई, लोदीपुर,जरैला, घनारामपुर, धंजुआ, देवकली, गोइनी, करसा, जैनपुर, मंगोलपुर, सीधामऊ, कंधिया, सुल्तानपुर पेराजोर, करबक,जलालपुरनागिन, पातेपुर, कटराऐमा, पतारी, पामा गोपीपुर ,जगजीवनपुर, बनारअलीपुर, दस्तमपुर, बारा, स्वरुपपुर, भुगनियापुर, बलिहारा,मड़वाई,रहनियापुर, बिगाही, कमीर, बिलवाहार, नरिहा, ताहरपुर मैदू, आदि 39 गांव मिलाकर वृहद नगर पालिका बनने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जिसको आप फिर से लागू किया जा सकता है।