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कबाड़ के ढेर में चली गई केडीए आवासीय योजना

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अधूरा रह गया सुनियोजित विकास का सपना

कानपुर देहात में आठ साल में एक कदम नही बढ़ा सका केडीए

अश्विनी शुक्ल, प्रमुख संवाददाता

डीटी एनएन।कानपुर देहात।

माती मुख्यालय समेत आसपास के करीब डेढ़ सौ गांवों को विकास योजनाओं से संतृप्त करने का बीड़ा उठाये केडीए जनपद में एक आवासीय योजना को भी लागू नहीं कर सका। करीब 7 वर्ष पहले प्रस्तावित की गई आवासीय योजना अब तक परवान नहीं चढ़ सकी। इससे कानपुर देहात को सुनियोजित विकास का सपना अधूरा रह गया।अब यहां केडीए की योजना को लेकर न तो कोई चर्चा है और न ही उस दिशा में किसी का ध्यान है।

कानपुर देहात में कानपुर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2019 में आवासीय योजना विकसित करने की योजना बनाई थी इसको लेकर अकबरपुर के बनारअलीपुर गांव के पास सरकारी जमीन के अलावा किसानों की जमीन को केडीए ने अधिग्रहण किया था। इसमें 10 हेक्टेयर जमीन सरकारी और 4 हेक्टेयर जमीन किसानों को ली गई थी। तत्कालीन समय में किसानों को 1 करोड़ रुपये हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया गया। इसके बाद केडीए के उपाध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ अफसरों ने भी मौके पर आकर निरीक्षण किये थे और माटी में आवासीय योजना को विकसित करने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई थी। इसी दौरान आवासीय योजना वाले क्षेत्र की सबसे पहले जल निकासी के इंतजाम पर चर्चा हुई। जिसका कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल सका धीरे-धीरे समय बीतते ही केडीए ने योजना को को ठंडे बस्ते में डाल दिया। हाई-वे किनारे की इस जमीन पर आबादी बसाने के लिये बनी योजना के पीछे क्या खेल हुआ यह कोई समझ नहीं सका और जमीन को लेकर हाईकोर्ट में मुकदमा चलने लगा। जमीनी विवाद के पूर्व से ही कुछ मुकदमे हाई कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद इन तथ्यों को छिपाकर किसानों को मुआवजा देने केडीए का नुकसान हुआ। अब केडीए बोर्ड की बैठकों में इस योजना पर चर्चा तक नहीं होती है।

चार श्रेणीं के प्लाटों का हो रहा था आवंटन
केडीए की ओर से यहां पर चार श्रेणी ए, बी, सी, डी के 419 प्लाट निकाले गये थे। इसमें ए श्रेंणी में 162 वर्ग मीटर के 66 प्लाट, बी श्रेंणी में 112 वर्ग मीटर के 242 प्लाट, सी श्रेणी में 72 वर्ग मीटर के 26 प्लाट व डी श्रेंणी में 35 वर्ग मीटर के 85 प्लाट के लिये सूचना प्रकाशित की गई थी। इसमें ए श्रेणी में पंजीयन राशि बीस हजार रुपये,बी में 15 हजार,सी में 10 हजार व सी में 5 हजार रुपये जमा कराई गई थी।

प्लाट से कई गुना लोगों ने किये आवेदन

केडीए ने जब आवासीय योजना में 419 प्लाट लांच किये तब लोगों ने बड़ी संख्या में आवेदन किये थे। इसमें डिमांड के सापेक्ष कई गुना लोगों ने आवेदन किये थे। इनका पैसा भी जमा हो गया, लेकिन केडीए ने उसके आगे कुछ नहीं किया। अकबरपुर के सुरेश कुमार, राधिका मिश्र, ने बताया कि योजना की ए श्रेणी के लिये आवेदन किये थे। आज तक न तो प्लाट मिलने की आस लगाए है।

अधूरा रह गया सुनियोजित विकास का सपना
कानपुर देहात में केडीए के को विकास योजनाओ को अमलीजामा पहनाने के लिए 8 वर्ष पूर्व जिम्मेदारी दी गई थी।नगर पंचायत अकबरपुर समेत आस पास के करीब डेढ़ सौ गांवों को जोड़कर कानपुर देहात के सुनियोजित विकास की योजना बनी थी। लेकिन कानपुर देहात के सुनियोजित विकास की योजना दम तोड गई। आवासीय योजना नहीं लागू होने से प्रॉपर्टी डीलर और बिल्डर मनमाने तरीके से प्लाटिंग करने के साथ बिल्डिंग बना रहे है। ड्रेनेज आदि की भी समुचित व्यवस्था नहीं होने से कानपुर देहात विकास योजनाओं में पिछड़ रहा है।